कल नत्थूलाल जी मिले, हाथ में पेपर पकड़े बड़े उदास, गमगीन से दिख रहे थे । हमने पूछा...अरे भाई आज आपके गुलाब से खिले चेहरे पर उदासी का पाला कैसे पड़ गया ? नत्थूलाल जी बोले...आपने शायद पेपर नहीं पढ़ा, हैप्पीनेस इंडेक्स में भारत का नंबर बहुत पीछे बतलाया गया है । हमने कहा ...तो ? नत्थूलालजी आश्यर्यचकित होकर बोले...आप कैसी बात करते हो शर्माजी ,ये खबर पढ़ कर 2 दिन से मैं निराशा और क्रोध के भँवर में चक्कर लगा रहा हूँ ओऱ आपको कोई फर्क ही नही पड़ रहा है। आप देख नहीं रहे,आजकल हम भारतीय कितने खुश दिखते है । आप चाहो तो कहीं भी,कभी भी देख लो ।फेसबुक,व्हाट्सअप, इंस्टाग्राम आदि आदि,ख़ुश लोगों के पोस्टो से पटे पड़े है । कोई भी पोस्ट देख लो ,हर जगह आदमी खुश ही नज़र आता है,मंदिर में,मस्ज़िद में,कार में,बस में,ट्रेन में,प्लेन में,साईकल पर,घर में,टॉयलेट में, दुकान में,होटल में,पब में,बिस्तर पर,जमीन पर,आसमान में,नदी में,नाले में ,पेड़ पर,फूल पत्ती के साथ,जीन्स में,धोती में,घूँघट में। अरे दिन तो छोड़ो रात में 1 बजे हो,तीन हो या पांच बजे हो,जब देखो तब आदमी हमेशा खुश दिखते हुए फ़ोटो चेपता है ।और तो और आदमी इतन...