ग्रामीण परिवेश में पल कर बड़े हुए और स्नातक शिक्षा के लिए धारानगरी का द्वार खटखटाया ,राजा भोज की इस पावन नगरी के सानिध्य में गणित के सूत्रों को हल हल करते करते स्नातकोत्तर उपाधि के बाद महाँकाल की नगरी में कम्प्यूटर की प्रोग्रामिंग से
दो चार करते हुए वर्दी धारण कर ली तब से हम इसका मान बढ़ाने का हर प्रयास कर रहे है औऱ ये भी हमारी शान बानी हुई है ।
पूज्य पिताजी की हिंदी साहित्य की साधन गुणसूत्रों के माध्यम से हमारे शोणित का भी हिस्सा बन गयी है । समाज के सकारात्मक पक्ष को उजागर करने एवं समाज कल्याण की दृष्टि से लेखनी को शिरोधार्य किया है । हर विषय को देखने के कई दृष्टिकोण होते है। अपने दृष्टिकोण को आपके सम्मुख रखने के उद्देश्य से ब्लॉग को '"मेरे विचार से" से नाम दिया है । आशा है विचारो के आदान-प्रदान की इस प्रकिया में आपका अनवरत सकारात्मक एवं सक्रिय सहयोग मिलता रहेगा । असहमति के स्वर भी सहर्ष स्वीकार्य है ।शत शत अभिनंदन ।
- योगेश्वर शर्मा