क्या कोई मुझे उस मिट्टी का पता बतला सकता है जिससे भगवान् ने बहन को बनाया ।उस मिट्टी में ऐसा क्या है जो एक ही जनक-जननी से सृजित होने के बावजूद उसे हम भाई लोगो से उत्कृष्ट बना देता है।उसे अपने भाइयों से श्रेष्ठ कहलाने की आकांक्षा या अभिलाषा नहीं होती है वरन् उसके कर्म ही उसे अग्रगन्य बना देते है।
बहन , ऐसा क्यों होता है ,मम्मी-पापा रहते हमारे पास में है , उनका दिल धड़कता हमारे यहाँ है किंतु धड़कन तेरे यहाँ सुनाई देती है। अनमने हम लोग होते है पर उसका सबसे पहले एहसास तुझे होता है और अलभोर में तेरा फ़ोन इसकी पुष्टि कर देता है।क्यों पापा बीमारी में हम लोगो के पास होने के बावजूद तुझे ही याद करते है।
तू ऐसा कैसे कर लेती है,कि हम भाईयो की या मम्मी-पापा की बीमारी का सुन कर अपना पेट,पीठ,कमर दर्द या बुखार सब भूल कर दौड़ी चली आती है या हर घंटे खैरोखबर लेती रहती है।
तू इतने रूप कैसे धारण कर लेती है ,कि हम भाईयो में से किसी के भी डिप्रेस होने पर सबसे बड़ी मोटिवेटर बन जाती है,बीमार होने पर डॉक्टर का एप्रिन पहन लेती है और किसी से झगड़ा होने पर रुस्तमे हिन्द बन जाती है।तू ,हमेशा हम लोगो का भला कैसे सोच लेती है।
तुझे कुछ मालूम भी है हमारे अहम् को कितनी चोट पहुँचती है जब मम्मी-पापा के किसी काम के लिए अर्थ की आवश्यकता हो तो हम दुनिया के सबसे बड़े अर्थशास्त्री बनकर गहरे में डूब कर गुणा-भाग में लग जाते है और तू मुट्ठी में गुड़ीमुड़ी नोट लिए दानवीर कर्ण की तरह खड़ी हो जाती है।बंटवारे में मनमर्जी का न मिले तो हम अपनो से तृतीय विश्वयुद्ध करने में पीछे न हटे और तू हमेशा सर्वस्व समर्पण के लिए तैयार रहती है।
ऐ दुनिया के मालिक ये तेरी कैसी रचना है,कि हम भाईयो के लिए बहन चाहे गरीब हो या अमीर हो,किसी भी जाति की हो,किसी भी धर्म को मानने वाली हो, पढ़ीलिखी हो या अनपढ़ हो ,बड़ी हो या छोटी हो ,शहरी हो या ग्रामीण हो ,एक जैसी ही होती है।
सभी तरह से सोच कर देख लिया बहन,तू, ईश्वर की सबसे अनुपम कृति है ।मानवीय संवेदनाओं की पराकाष्ठा है ।
तू, ऐसी दैवीय रचना है जिसके शब्दकोष में भाईयों का अध्याय खोजा जाये तो सभी जगह केवल कल्याण लिखा होता है।
रक्षासूत्र मै बंधवाता हूँ पर सच्चे अर्थों में सभी प्रकार से रक्षा तू ही करती है।मेरा स्थान तेरे चरणों मे ही है,तेरा आशीष मेरे सब संकट हरने वाला है। बहना तू हमेशा ऐसी ही रहना......
wish u very happy Raksha Bandhan in very advance.
सभी तरह से सोच कर देख लिया बहन,तू, ईश्वर की सबसे अनुपम कृति है ।मानवीय संवेदनाओं की पराकाष्ठा है ।
तू, ऐसी दैवीय रचना है जिसके शब्दकोष में भाईयों का अध्याय खोजा जाये तो सभी जगह केवल कल्याण लिखा होता है।
रक्षासूत्र मै बंधवाता हूँ पर सच्चे अर्थों में सभी प्रकार से रक्षा तू ही करती है।मेरा स्थान तेरे चरणों मे ही है,तेरा आशीष मेरे सब संकट हरने वाला है। बहना तू हमेशा ऐसी ही रहना......
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