क्या कोई मुझे उस मिट्टी का पता बतला सकता है जिससे भगवान् ने बहन को बनाया ।उस मिट्टी में ऐसा क्या है जो एक ही जनक-जननी से सृजित होने के बावजूद उसे हम भाई लोगो से उत्कृष्ट बना देता है।उसे अपने भाइयों से श्रेष्ठ कहलाने की आकांक्षा या अभिलाषा नहीं होती है वरन् उसके कर्म ही उसे अग्रगन्य बना देते है। बहन , ऐसा क्यों होता है ,मम्मी-पापा रहते हमारे पास में है , उनका दिल धड़कता हमारे यहाँ है किंतु धड़कन तेरे यहाँ सुनाई देती है। अनमने हम लोग होते है पर उसका सबसे पहले एहसास तुझे होता है और अलभोर में तेरा फ़ोन इसकी पुष्टि कर देता है।क्यों पापा बीमारी में हम लोगो के पास होने के बावजूद तुझे ही याद करते है। तू ऐसा कैसे कर लेती है,कि हम भाईयो की या मम्मी-पापा की बीमारी का सुन कर अपना पेट,पीठ,कमर दर्द या बुखार सब भूल कर दौड़ी चली आती है या हर घंटे खैरोखबर लेती रहती है। तू इतने रूप कैसे धारण कर लेती है ,कि हम भाईयो में से किसी के भी डिप्रेस होने पर सबसे बड़ी मोटिवेटर बन जाती है,बीमार होने पर डॉक्टर का एप्रिन पहन लेती है और किसी से झगड़ा होने पर रुस्तमे हिन्द बन जाती है।तू ,हमेशा हम लोगो का भल...