आख़िर तुम होते हो कौन मुझे इस तरह परेशान करने वाले, दुःखी, तनावग्रस्त ,पीड़ित,चिंतित,विचलित करने वाले ?
आख़िर तुम होते हो कौन मुझे इस तरह परेशान करने वाले, दुःखी, तनावग्रस्त ,पीड़ित,चिंतित,विचलित करने वाले ? तुम्हे अधिकार किसने दिया मेरे मन ,विचारो को बलात अधिकृत करने का । तुम जो चाहो वह मै करता हूँ, तुम जिसमे ख़ुश होते हो वो ही मेरी प्रसन्नता का साधन हो जाता है , तुम्हारा दुख तुमसे अधिक मुझे पीड़ा देता है इसके बावजुद तुम कब रुष्ट हो जाओ कहा नही जा सकता । इतना सब होने के बावजूद मैं हमेशा तुम्हारी प्रतिक्रिया का ही फ़िक्रबन्द रहता हूँ । कल ही की तो बात है जब बॉस मुझे बोल रहे थे 'त ुमने काम तो किया पर ओर बेहतर तरीके से हो सकता था' ,इस पर मैने देखा तुम मेरे जिगरी दोस्त के रूप में मुस्करा रहे थे । तुम्हे एहसास भी है तुम्हारी इस हरकत से मैं कितना दुःखी औऱ तनावग्रस्त हो गया था, कि बॉस ने क्या बोला यह भूल कर तुम्हारी मुस्कान रात भर शूल की तरह चुभती रही । तुमने 2 दिन बाद में माफी मांग कर बोल भी दिया था कि किसी ओर कारण से तुम मुस्कराए थे , बॉस ने क्या बोला ये तो तुम सुन भी नही पाये थे,पर उससे क्या , 2 दिन का चेन तो तुम्हारे कारण खो ही चुका था चाहे भ्रम या शंका के कारण ही ऐसा क्यों ह...