आख़िर तुम होते हो कौन मुझे इस तरह परेशान करने वाले, दुःखी, तनावग्रस्त ,पीड़ित,चिंतित,विचलित करने वाले ?
आख़िर तुम होते हो कौन मुझे इस तरह परेशान करने वाले, दुःखी, तनावग्रस्त ,पीड़ित,चिंतित,विचलित करने वाले ? तुम्हे अधिकार किसने दिया मेरे मन ,विचारो को बलात अधिकृत करने का ।
तुम जो चाहो वह मै करता हूँ, तुम जिसमे ख़ुश होते हो वो ही मेरी प्रसन्नता का साधन हो जाता है , तुम्हारा दुख तुमसे अधिक मुझे पीड़ा देता है इसके बावजुद तुम कब रुष्ट हो जाओ कहा नही जा सकता । इतना सब होने के बावजूद
मैं हमेशा तुम्हारी प्रतिक्रिया का ही फ़िक्रबन्द रहता हूँ ।
कल ही की तो बात है जब बॉस मुझे बोल रहे थे 'तुमने काम तो किया पर ओर बेहतर तरीके से हो सकता था' ,इस पर मैने देखा तुम मेरे जिगरी दोस्त के रूप में मुस्करा रहे थे । तुम्हे एहसास भी है तुम्हारी इस हरकत से मैं कितना दुःखी औऱ तनावग्रस्त हो गया था, कि बॉस ने क्या बोला यह भूल कर तुम्हारी मुस्कान रात भर शूल की तरह चुभती रही । तुमने 2 दिन बाद में माफी मांग कर बोल भी दिया था कि किसी ओर कारण से तुम मुस्कराए थे , बॉस ने क्या बोला ये तो तुम सुन भी नही पाये थे,पर उससे क्या , 2 दिन का चेन तो तुम्हारे कारण खो ही चुका था चाहे भ्रम या शंका के कारण ही ऐसा क्यों हुआ हो ।
यह तो एक प्रसंग भर है,कभी तुम बॉस,कभी साथी,कभी अधीनस्थ तो कभी किसी रिश्तेदार के रूप में आ जाते हो औऱ तुम्हारी जो प्रतिकृति मेरे मन मे बन जाती है कि तुम मेरे बारे में ऐसा सोच रहे हो या सोचोगे उसे ही तुम्हारा मेरे प्रति विचार मान कर मेरा मन प्रतिक्रिया देने लग जाता है जबकि हो सकता है तुम्हारे वास्तविक विचार कुछ ओऱ हो ।
तुम्हारे बारे में बहुत चिंता कर ली ,तुम्हारे सोच की चिंता कर बहुत जी लिया ,अब नही बस । अब ओऱ नही । सोच लिया, निर्णय कर लिया अपनी ओर से अच्छा करेंगे सच्चा करेंगे पर तुम्हे कतई अधिकार नही देंगे की तुम मेरी विचार शक्ति पर बलात कब्जा जमा लो औऱ नकारात्मक विचारों की अनवरत दी गयी आहुति से मेरे मन मस्तिष्क में चिंता, क्रोध,तनाव,चिड़चिड़ाहट की ज्वाला हमेशा जलाये रखो । मैं ऐसा क्यों न करूं ? मैं अच्छे से जान गया हूँ कि तुम्हारा कोई अस्तित्व ही नही है '' तुम ...ये...ये... सोच रहे हो'' ,ऐसा विचार करने पर जन्मी महज एक कल्पना भर हो जो मेरे मनमस्तिष्क की धरती पर असुरक्षा एवं अज्ञात भय रूपी हवा पानी मिलने पर उपजती है ।
वर्ष के अंत के साथ तुम्हे भी विदा करने का वक्त आ गया है बस भाई माफ़ करो । अलविदा ,जय हिंद ।
मैंने तो संकल्प ले लिया है आप भी कुछ ऐसा ही कर लो । शुभ हो । जय हो । असीम शुभकामनाएं ।
तुम जो चाहो वह मै करता हूँ, तुम जिसमे ख़ुश होते हो वो ही मेरी प्रसन्नता का साधन हो जाता है , तुम्हारा दुख तुमसे अधिक मुझे पीड़ा देता है इसके बावजुद तुम कब रुष्ट हो जाओ कहा नही जा सकता । इतना सब होने के बावजूद
मैं हमेशा तुम्हारी प्रतिक्रिया का ही फ़िक्रबन्द रहता हूँ ।
कल ही की तो बात है जब बॉस मुझे बोल रहे थे 'तुमने काम तो किया पर ओर बेहतर तरीके से हो सकता था' ,इस पर मैने देखा तुम मेरे जिगरी दोस्त के रूप में मुस्करा रहे थे । तुम्हे एहसास भी है तुम्हारी इस हरकत से मैं कितना दुःखी औऱ तनावग्रस्त हो गया था, कि बॉस ने क्या बोला यह भूल कर तुम्हारी मुस्कान रात भर शूल की तरह चुभती रही । तुमने 2 दिन बाद में माफी मांग कर बोल भी दिया था कि किसी ओर कारण से तुम मुस्कराए थे , बॉस ने क्या बोला ये तो तुम सुन भी नही पाये थे,पर उससे क्या , 2 दिन का चेन तो तुम्हारे कारण खो ही चुका था चाहे भ्रम या शंका के कारण ही ऐसा क्यों हुआ हो ।
यह तो एक प्रसंग भर है,कभी तुम बॉस,कभी साथी,कभी अधीनस्थ तो कभी किसी रिश्तेदार के रूप में आ जाते हो औऱ तुम्हारी जो प्रतिकृति मेरे मन मे बन जाती है कि तुम मेरे बारे में ऐसा सोच रहे हो या सोचोगे उसे ही तुम्हारा मेरे प्रति विचार मान कर मेरा मन प्रतिक्रिया देने लग जाता है जबकि हो सकता है तुम्हारे वास्तविक विचार कुछ ओऱ हो ।
तुम्हारे बारे में बहुत चिंता कर ली ,तुम्हारे सोच की चिंता कर बहुत जी लिया ,अब नही बस । अब ओऱ नही । सोच लिया, निर्णय कर लिया अपनी ओर से अच्छा करेंगे सच्चा करेंगे पर तुम्हे कतई अधिकार नही देंगे की तुम मेरी विचार शक्ति पर बलात कब्जा जमा लो औऱ नकारात्मक विचारों की अनवरत दी गयी आहुति से मेरे मन मस्तिष्क में चिंता, क्रोध,तनाव,चिड़चिड़ाहट की ज्वाला हमेशा जलाये रखो । मैं ऐसा क्यों न करूं ? मैं अच्छे से जान गया हूँ कि तुम्हारा कोई अस्तित्व ही नही है '' तुम ...ये...ये... सोच रहे हो'' ,ऐसा विचार करने पर जन्मी महज एक कल्पना भर हो जो मेरे मनमस्तिष्क की धरती पर असुरक्षा एवं अज्ञात भय रूपी हवा पानी मिलने पर उपजती है ।
वर्ष के अंत के साथ तुम्हे भी विदा करने का वक्त आ गया है बस भाई माफ़ करो । अलविदा ,जय हिंद ।
मैंने तो संकल्प ले लिया है आप भी कुछ ऐसा ही कर लो । शुभ हो । जय हो । असीम शुभकामनाएं ।
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